Saragarhi जंग के शहीदों को पंजाब सरकार की श्रद्धांजलि

Saragarhi

127 साल पहले Saragarhi में 21 बहादुर सिख जवानों की शहादत को याद करते हुए पंजाब सरकार ने एक ऐतिहासिक पहल की है।

पंजाब के सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने आज ऐतिहासिक गुरुद्वारा सारागढ़ी साहिब, फ़िरोज़पुर छावनी में ‘सारागढ़ी जंगी यादगार’ का उद्घाटन किया।

इस उद्घाटन समारोह में शहीदों की स्मृति को संजोने के लिए अखंड पाठ साहिब का आयोजन भी किया गया।

डॉ. बलजीत कौर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा

डॉ. बलजीत कौर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने राज्य की युवा पीढ़ी को हमारे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

सारागढ़ी जंग की शहादत की याद में यह पहली बार एक समर्पित स्मारक बनाया गया है,

जो इस ऐतिहासिक संघर्ष की महत्वपूर्णता को दर्शाता है।”

उन्होंने बताया कि इस युद्ध की ऐतिहासिकता को मान्यता देते हुए यूनेस्को ने इसे विश्व के आठ महत्वपूर्ण युद्धों में से एक माना है।

इस संघर्ष में शहीद हुए सिपाहियों को ‘इंडियन ऑर्डर ऑफ मेरिट’ जैसे सर्वोच्च ताम्रपत्र से सम्मानित किया गया था।

यह स्मारक शहीदों की बहादुरी और शौर्य को युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनाएगा।

Saragarhi  जंगी यादगार’ का नींव पत्थर

डॉ. बलजीत कौर ने खुलासा किया कि ‘सारागढ़ी जंगी यादगार’ का नींव पत्थर 12 सितंबर 2023 को मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान द्वारा रखा गया था,

और एक साल के भीतर इस स्मारक को पूरा करने की दिशा में काम किया गया।

इस परियोजना की लागत करीब 2 करोड़ रुपए आई है,

जिसमें राज्यसभा सदस्य डॉ. विक्रमजीत सिंह साहनी ने 50 लाख रुपए का महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

यह स्मारक सिख समुदाय के लिए ही नहीं, बल्कि देशभर के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

उन्होंने आगे कहा कि इस स्मारक की संरचना अफगानिस्तान के समाना में बने मेमोरियल से प्रेरित है।

इसमें 31 फीट ऊंचा टावर और 4 फीट ऊंचा गोलाकार प्लेटफॉर्म शामिल है,

जो रात के समय सुंदर रोशनी से सजाया गया है।

इसके अलावा, स्मारक पर हवलदार सरदार ईशर सिंह की 8 फीट ऊंची प्रतिमा

और युद्ध के दृश्य दर्शाते हुए 41 फीट लंबी मूरल वॉल भी बनाई गई है।

2 करोड़ रुपए की लागत से गुरुद्वारा Saragarhi में एक अजायबघर

डॉ. बलजीत कौर ने उल्लेख किया कि पहले भी 2 करोड़ रुपए की लागत से गुरुद्वारा सारागढ़ी में एक अजायबघर भी स्थापित किया गया है,

जिसमें युद्ध के समय की तकनीक, उपकरण और हथियारों को प्रदर्शित किया गया है।

यह अजायबघर भी दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र है और ऐतिहासिक जागरूकता को बढ़ावा दे रहा है।

समारोह के दौरान शहीदों के परिवारों को भी सम्मानित किया गया।

इस महत्वपूर्ण उद्घाटन समारोह में विधायक फ़िरोज़पुर शहरी रणबीर सिंह भुल्लर, विधायक फ़िरोज़पुर देहाती रजनीश दहीया,

कमिश्नर फ़िरोज़पुर मंडल अरुण सेखड़ी, मेजर जनरल योगी श्योरैन, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज की।

इस प्रकार, ‘सारागढ़ी जंगी यादगार’ पंजाब की ऐतिहासिक विरासत को संजोने और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।