सांसद गुरजीत सिंह औजला ने आज शून्यकाल में वाघा बॉर्डर व्यापार का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि वाघा बॉर्डर, जहां से पाकिस्तान के साथ वर्षों से व्यापार हो रहा था, बालाकोट हमले के बाद 200 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी लगाकर बंद कर दिया गया था।
उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना व्यापार है, क्योंकि सामाजिक और ऐतिहासिक रूप से उनकी सभ्यता पाकिस्तान जैसी ही है। जब व्यापार खुला था, तब आयात के लिए रोजाना करीब 500 ट्रक आते थे। लेकिन बालाकोट हमले के बाद इसे बंद कर दिया गया, जिससे करीब 10,000 लोग बेरोजगार हो गए।
उन्होंने कहा कि एक तरफ उद्योग लगाने की बात हो रही है, वहीं पहले से चल रहे कारोबार और रोजगार को बंद किया जा रहा है। कारोबार बंद होने से सभी ट्रक चालक और वर्कशॉप कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं
120 एकड़ में बने आईसीपी
सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि वाघा बॉर्डर पर व्यापार फिर से शुरू होना चाहिए। आईसीपी 120 एकड़ में बना है जिसका उद्घाटन 2012 में हुआ था जो अब बेकार पड़ा है। अमृतसर और लाहौर का पुराना रिश्ता है। यहां से अफगानिस्तान और यूएई तक व्यापार होता रहा है।
उन्होंने कहा कि 1965 और 71 के युद्ध के बाद भी इसे बंद नहीं किया गया था लेकिन अब सरकार ने इसे बंद कर दिया है जबकि यह अमृतसर की रीढ़ है।
उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण यहां कोई उद्योग नहीं है, ऐसे में यह रोजगार बंद होना लोगों के लिए बहुत नुकसानदेह है। इसलिए वह चाहते हैं कि सरकार इसका संज्ञान ले और इसे जल्द से जल्द शुरू करे।