हरियाणवी का उद्वार, कर सकती है नायब सरकार

हरियाणा दिवस के नजदीक होने के कारण, अब एक बार फिर से हमें मौका मिल रहा है इस शानदार अवसर को स्वागत करने का। हम सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, भारतीय जनता पार्टी ने उन मुद्दों का समाधान किया है जिनसे देश ने लम्बे समय से जूझ रहा था। चाहे वो राम मंदिर के लिए हो या फिर जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को हटाने के लिए। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में जब सरकार ने किसी मुद्दे को उठाया, तो उसका समाधान निश्चित ही हो जाता है।

पिछले साढ़े नौ वर्षों से हरियाणा में भाजपा ने अपनी बढ़त को सुनिश्चित किया है। मनोहर लाल खट्टर सरकार ने विकास कार्यों से भाजपा को हरियाणा में मजबूती से स्थापित किया है। अब, नये उन्नतियों की राह पर, हरियाणा में नायब सरकार दिनों दिन एक नया किर्तिमान स्थापित कर रही है। इस सरकार ने नई घोषणाओं के माध्यम से आम जनता और विपक्ष को प्रभावित किया है, जिससे भाजपा को आगामी विधानसभा चुनावों में फायदा होगा।

हरियाणा के गठन के बाद से, अधिकारी ने समय-समय पर राजनीतिक फायदों के लिए कई घोषणाएं की हैं, लेकिन उनमें से वह सबसे यादगार रही है जिन्होंने हरियाणवियों के मनोबल में अपनी जगह बनाई है। एक पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा आरंभ की गई खेल नीति, जिसके बाद भी देश में सबसे ज्यादा पदक हरियाणा के लिए आये, इस बात को साबित करती है।

आज, हरियाणा में खेल नीति की तरह, हरियाणवी भाषा के विकास की रोजगार-मुद्रा नीति बनाने का सुनहरा मौका है जिसे नायब सरकार के द्वारांक विकास किया जा सकता है। इस नीति के अंतर्गत, हरियाणवी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करवाया जा सकता है, और इसके अलावा विभिन्न संवेदनशील घोषणाएं हैं जो मुख्यमंत्री साहब की नीतियों के माध्यम से जन-जन तक पहुंचा सकती हैं।

नायब सरकार की नायाब साहित्यिक टीम, जो हरियाणा साहित्य एवं संस्कृत अकादमी में कार्य कर रही है, इस दिशा में बहुत ही संवेदनशील और समर्थ है। इसमें शामिल हैं प्रोफेसर कुलदीप चंद अग्निहोत्री, डॉ. चंद्र त्रिखा, डॉ. धर्मदेव विधार्थी, और सरदार हरपाल सिंह। इनके साथ, साहित्य एवं साहित्यकारों को लेकर यह टीम सक्रिय रूप से काम कर रही है, जो राजनैतिक इच्छाशक्ति के मामले में भारतीय जनता पार्टी को अधिक सशक्त बना सकती है।

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