8th Pay Commission की बड़ी क्रांति: बेसिक सैलरी में तगड़ा उछाल, लेवल सिस्टम में बड़ा फेरबदल!

चंडीगढ़, 27 मई: सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आने वाली है। केंद्र सरकार द्वारा गठित 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) ने ऐसा प्रस्ताव तैयार किया है, जो अगर लागू हो गया तो लाखों कर्मचारियों की सैलरी और प्रमोशन स्ट्रक्चर पूरी तरह से बदल जाएगा।

इस प्रस्ताव के तहत सरकारी वेतन ढांचे के शुरुआती छह स्तरों — यानी लेवल 1 से लेकर लेवल 6 — को तीन नए वर्गों में मर्ज करने की सिफारिश की गई है। इसके चलते कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में शानदार बढ़ोतरी और करियर ग्रोथ के नए अवसर खुल सकते हैं।

यह बदलाव संभवतः 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाएगा, और इससे देशभर के करीब 50 लाख कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे।

8वें वेतन आयोग: क्या है इसकी अहमियत?

भारत सरकार हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग नियुक्त करती है, जो सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्तों और पेंशन ढांचे की समीक्षा करता है।

7वां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था, और अब 8वें वेतन आयोग को जनवरी 2025 में कैबिनेट से मंजूरी दी गई है। इसके सिफारिशें एक साल बाद यानी 2026 से लागू की जा सकती हैं।

लेवल मर्जर का प्रस्ताव: वेतन संरचना में बड़ी सर्जरी

अब तक का वेतन ढांचा विभिन्न पदों के लिए लेवल 1 से लेकर लेवल 18 तक बना हुआ है। परंतु लेवल 1 से 6 तक के बीच अंतर बेहद कम होते हैं, जिससे समान कार्य के लिए भिन्न वेतन मिलने की स्थिति बनती है।

इसे सुधारने के लिए 8वें वेतन आयोग ने तीन नए स्तरों (A, B और C) के निर्माण का सुझाव दिया है:

नया स्तर मर्ज किए गए वर्तमान लेवल
लेवल A लेवल 1 + लेवल 2
लेवल B लेवल 3 + लेवल 4
लेवल C लेवल 5 + लेवल 6

 1. बेसिक सैलरी में भारी उछाल

मर्जर के बाद नया बेसिक पे दो स्तरों में से उच्चतम स्तर के बराबर या उससे ऊपर तय किया जा सकता है।
उदाहरण:

  • अभी लेवल 1 की बेसिक सैलरी ₹18,000 है,

  • मर्जर के बाद यह सीधे ₹33,000-34,000 तक जा सकती है।

 2. प्रमोशन में तेजी

चूंकि अब स्तर कम होंगे, तो प्रमोशन की प्रक्रिया भी तेज होगी।
कम अंतराल में उच्च पद तक पहुंचने का मौका मिलेगा।

 3. वेतन विसंगतियों में कमी

निकटतम लेवल्स के बीच वेतन में बहुत कम अंतर होने के कारण अब वेतन असमानता समाप्त हो सकेगी। इससे कर्मचारी संतुष्ट और प्रेरित होंगे।

 4. प्रशासनिक प्रक्रिया होगी आसान

कम लेवल्स होने से पे-रोल प्रोसेसिंग, पे फिक्सेशन और प्रमोशन नियमों में सरलता आएगी। सरकार और विभागों के लिए पे मैनेजमेंट आसान होगा।

किन कर्मचारियों को मिलेगा सबसे ज़्यादा लाभ?

सबसे अधिक फायदा लेवल 1, 3 और 5 पर कार्यरत कर्मचारियों को होगा, क्योंकि उनका वेतन उच्च स्तरों के साथ सीधे मर्ज होगा।
इन स्तरों पर कार्यरत कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में सीधा इजाफा होगा।

वहीं लेवल 2, 4 और 6 के कर्मचारी भी बेहतर प्रमोशन संभावनाओं का लाभ उठाएंगे।

क्या हैं चुनौतियां?

हालांकि प्रस्ताव बेहद फायदेमंद दिख रहा है, लेकिन कुछ गंभीर चुनौतियाँ भी हैं:

  • वित्तीय भार: सरकार पर अतिरिक्त खर्च बढ़ सकता है।

  • सीनियरिटी निर्धारण: दो स्तरों को मिलाने पर वरिष्ठता कैसे तय की जाएगी, यह स्पष्ट करना होगा।

  • जिम्मेदारियों का विभाजन: समान वेतन पर अलग-अलग ज़िम्मेदारियों को कैसे संतुलित किया जाएगा?

इन पहलुओं पर अभी चर्चा चल रही है, और सरकार ने विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों से राय लेना शुरू कर दिया है।

आगे क्या?

  • जनवरी 2025 में आयोग अपनी अंतरिम रिपोर्ट दे सकता है।

  • 2025 के अंत तक अंतिम सिफारिशें सरकार को सौंपी जाएंगी।

  • 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है, जिसके बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर पूरी तरह से नया रूप ले लेगा।