Indian Army: भारतीय सेना की पश्चिमी कमान ने 15 सितंबर, 2024 को अपना 78वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया।
इस खास मौके पर, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार, जो पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ हैं,
और पूर्व सेना कमांडरों ने वीर स्मृति युद्ध स्मारक, चंडीमंदिर पर जाकर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
लेफ्टिनेंट जनरल कटियार ने सभी रैंकों और परिवारों को शुभकामनाएं दीं और कमान के मूल्यों—नाम, नमक, निशान को बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि पश्चिमी कमान अपने पश्चिमी मोर्चे की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है औ
र भविष्य के किसी भी संघर्ष में निर्णायक जीत हासिल करने के लिए तैयार है।
साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि कमान राष्ट्र निर्माण में अपने योगदान से सशक्त भारत के सपने को साकार करने में भी सक्रिय भूमिका निभा रही है।
अनिंदिता मित्रा बनीं पंजाब के सहकारी बैंक की MD
Indian Army: पश्चिमी कमान की स्थापना 15 सितंबर, 1947 को
पश्चिमी कमान की स्थापना 15 सितंबर, 1947 को की गई थी, जब भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजन हुआ था।
उस समय, दिल्ली और पूर्वी पंजाब कमान का मुख्यालय दिल्ली में स्थापित किया गया था
और इसे दिल्ली तथा पूर्वी पंजाब क्षेत्रों की रक्षा का जिम्मा सौंपा गया था।
विभाजन के दौरान स्थिति को देखते हुए, एक ट्रेन में एक मोबाइल मुख्यालय रखा गया था,
जो अब चंडीमंदिर में एक संग्रहालय में रखा गया है। 20 जनवरी, 1948 को इस कमान का नाम बदलकर पश्चिमी कमान रखा गया
और इसे जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन की जिम्मेदारी दी गई।
वर्तमान में, पश्चिमी कमान ने भारतीय क्षेत्र में सभी आक्रमणों को रोकने और भारत के लिए निर्णायक जीत सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
यही वजह है कि इसे ‘भारत के हृदय स्थल के संरक्षक’ के रूप में जाना जाता है
और यह गर्व के साथ ‘एवर वेस्टवर्ड्स’ के अपने आदर्श वाक्य को निभाता है।
कमान के वीरों ने अब तक 11 परमवीर चक्र, 1 अशोक चक्र और 143 महावीर चक्र प्राप्त किए हैं।
ग्यारह पूर्व सेना कमांडर भी उपस्थित रहे
पश्चिमी कमान के स्थापना दिवस के इस खास मौके पर, ग्यारह पूर्व सेना कमांडर भी उपस्थित रहे।
उन्होंने वर्तमान पदानुक्रम के साथ अपने अनुभव साझा किए और भविष्य की चुनौतियों के लिए सुझाव और सिफारिशें दीं।
इसके साथ ही, उन्होंने सैनिकों और कर्मचारियों के साथ बातचीत कर पुराने संबंधों को भी मजबूत किया।
भविष्य की तैयारी के तहत, कमान आधुनिकीकरण के प्रयास कर रही है
ताकि रक्षा बल वर्तमान और उभरती चुनौतियों का सामना बेहतर ढंग से कर सकें।
नई प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल, प्रशिक्षण मानकों को बढ़ाना और अन्य हथियारों और सेवाओं के साथ तालमेल पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।