सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इन स्वीकृत परियोजनाओं में शामिल हैं विभिन्न जल संवर्धन एवं प्रबंधन के उपकरण। इनमें से एक परियोजना में 2.13 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत है जो जेएलएन नहर से पम्पिंग के माध्यम से कच्चे पानी की व्यवस्था को सुधारेगी। दूसरी परियोजना में 6.33 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत है जिसमें गांव मदीना गिंधराण-II में स्वतंत्र नहर आधारित जलघर की व्यवस्था व उसका जीर्णोद्धार शामिल है। तीसरी परियोजना में 14.24 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत है जिसमें गांव बहु अकबरपुर में जलघर के जीर्णोद्धार और वितरण पाइप लाइन की व्यवस्था शामिल है।
ये परियोजनाएँ ग्रामीण क्षेत्रों में पाइप जलापूर्ति सुविधा को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इसके अलावा, 12 गांवों के लिए 13 मौजूदा जलघरों के लिए पम्पिंग प्रणाली के माध्यम से जेएलएन नहर से कच्चे पानी की व्यवस्था स्थापित करने की योजना बनाई गई है। इस परियोजना में 39.78 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत है जिसमें कच्चे पानी के पम्पिंग स्टेशन का निर्माण और डीआई पाइप बिछाना शामिल है।
ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति योजनाएँ मुख्य रूप से ट्यूबवेल/सतही स्रोतों और रैनी वेल्स पर आधारित हैं, और निजी जल कनेक्शन की सुविधा के लिए गांवों में वितरण प्रणाली भी बिछाई गई है।