हरियाणा की सरकार ने मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ‘सरकारी मेडिकल, डेंटल और नर्सिंग कॉलेजों में संविदा संकाय सदस्यों की नियुक्ति नीति 2023’ को मंजूरी दी है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य है कि राज्य में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में विस्तार किया जाए और नए मेडिकल कॉलेजों के उद्घाटन में शैक्षिक आधार को मजबूत बनाया जाए।
इस नीति से राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी), भारतीय दंत चिकित्सा परिषद (डीसीआई) और भारतीय नर्सिंग परिषद (आईएनसी) जैसे केंद्रीय नियामक प्राधिकरणों द्वारा निर्धारित स्टाफिंग मानकों का पालन किया जाएगा। यह संविदा सदस्यों की नियुक्ति अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में स्थायी कर्मचारियों की कमी को दूर करने में मदद करेगी और राज्य की तत्काल और दीर्घकालिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारेगी।
इन संविदा भर्तियों में समय-समय पर लागू होने वाली आरक्षण नीति का पालन किया जाएगा, जिससे न केवल रिक्तियों को तेजी से भरा जा सके, बल्कि वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार स्टाफिंग स्तर को भी संतुलित किया जा सके।
चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग (एमईआर) द्वारा इस पहल का उद्देश्य न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना है, बल्कि यह भी है कि चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं में अनियमितता को कम किया जाए और सभी संविदा सदस्यों को अच्छे संसाधनों में काम करने का मौका मिले।