हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री श्री सुभाष सुधा ने घोषणा की कि शहरी क्षेत्रों में कृषि भूमि की खरीद या उसके किसी भी हिस्से की बिक्री के लिए एन.डी.सी. की आवश्यकता नहीं होगी। इसके बजाय, भूमि मालिक अब सीधे अपनी रजिस्ट्री करवा सकेंगे। ऐसी संपत्तियों पर कोई भी प्रॉपर्टी टैक्स या विकास शुल्क लागू नहीं होगा। यह निर्णय कुल 2,52,000 संपत्तियों को फायदा पहुंचाएगा।
श्री सुभाष सुधा ने चण्डीगढ़ में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि शहरी क्षेत्रों में कालोनियों में रिक्त प्लॉट की बिक्री के लिए अनुमति दी जाएगी। इसके लिए आवेदक को प्रॉपर्टी टैक्स और अन्य शुल्क जमा करने के बाद नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा, जिसके आधार पर वह अपनी संपत्ति को बेच सकेगा। इससे 4,30,000 संपत्तियों को लाभ मिलेगा।
उन्होंने यह भी बताया कि 741 अस्वीकृत कालोनियों को पहले ही नियमित कर दिया गया है और इससे 1,71,368 संपत्तियों की बिक्री की अनुमति दी गई है। अतिरिक्त, बची हुई 433 कालोनियों को भी 30 जून तक नियमित किया जाएगा। इससे कुल 13 लाख 38 हजार संपत्तियों को लाभ मिलेगा।
उन्होंने इस योजना के तहत पारिवारिक हिस्सेदारी का भी उल्लेख किया और कहा कि इसमें सबसे छोटा हिस्सा 50 गज तक का हो सकता है। इसके अलावा, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की लाइसेंसड कालोनियों को छोड़कर शहरी क्षेत्रों में अन्य संपत्तियों का बंटवारा किया जा सकेगा।