भारत: जहा चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग जिस जगह हुई थी अब उस जगह को दुनियाभर में शिव शक्ति प्वाइंट से पहचाना जायेगा

नई दिल्ली
पिछले साल इसरो ने 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग करवाकर इतिहास रच दिया था। भारत दुनिया का पहला देश बन गया था, जोकि चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा। इसके बाद पूरी दुनिया से भारतीय वैज्ञानिकों को बधाई संदेश मिले थे। पीएम मोदी ने भी इसरो सेंटर जाकर चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट में शामिल रहे वैज्ञानिकों से मुलाकात की थी। वहीं, जिस जगह पर चंद्रयान-3 लैंड हुआ था, उस जगह का नाम शिव शक्ति प्वाइंट रख दिया था। अब इसको लेकर एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। दरअसल, इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन (IAU) ने 19 मार्च को शिव शक्ति नाम को अप्रूव कर दिया है। यानी कि अब आधिकारिक रूप से वह जगह जहां पर चंद्रयान-3 उतरा, उसे शिव शक्ति प्वाइंट से दुनियाभर में पहचाना जाएगा।

ग्रहों के नामकरण के गैजेटियर के मुताबिक, “ग्रहीय सिस्टम नामकरण के लिए आईएयू वर्किंग ग्रुप ने चंद्रयान -3 के विक्रम लैंडर की लैंडिंग साइट के लिए  शिव शक्ति नाम को मंजूरी दे दी है।” किसी भी खास जगह के नामकरण करने की ही तरह, ग्रहों की किसी जगह को विशेष रूप से पहचानने के लिए उसका नामकरण किया जाता है। इससे भविष्य में उस जगह का आसानी से पता लगाया जा सके और उस पर लोग चर्चा कर सकें। बता दें कि 23 अगस्त 2023 को चांद पर सफल लैंडिंग के तीन दिनों बाद बेंगलुरु में पीएम मोदी ने इसरो सेंटर पर इस नाम की घोषणा की थी।

चंद्रयान-2 वाली जगह का नाम रखा गया है ‘तिरंगा’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि चंद्रयान-3 लैंडिंग वाली जगह का नाम शिव शक्ति होगा, जबकि जहां पर 2019 में चंद्रयान-2 क्रैश होकर लैंड किया था, उसे तिरंगा नाम दिया गया है। इसके अलावा, 23 अगस्त को ही हर वर्ष नेशनल स्पेस डे मनाए जाने का भी ऐलान किया गया। पीएम मोदी बेंगलुरु में इसरो वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए भावुक भी हो गए थे। उन्होंने कहा था, ”मैं जल्द से जल्द आपके दर्शन करना चाहता था और आपको सलाम करना चाहता था। आपके प्रयासों को सलाम।” प्रधानमंत्री ने इसरो के वैज्ञानिकों से कहा था कि मैं एक अलग ही खुशी महसूस कर रहा हूं, ऐसे मौके बहुत कम आते हैं। मैं दक्षिण अफ्रीका में था लेकिन मेरा मन पूरी तरह से आपके साथ ही लगा हुआ था।

 

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