हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के गन्नौर (सोनीपत) कार्यालय को आदेश दिए हैं कि मीटर रीडर एजेंसी से 5 हजार रुपए का जुर्माना वसूल किया जाए। आयोग ने यह जुर्माना उपभोक्ता को अधिसूचित सेवा निर्धारित समय सीमा में न देने और कार्य में देरी करने के कारण लगाया गया है।
एक प्रवक्ता ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि शिकायतकर्ता नारायण सिंह ने बिल रीडिंग से संबंधित शिकायत उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के गन्नौर (सोनीपत) कार्यालय में भेजी थी। उन्होंने बताया कि बिल रीडर द्वारा गलत मीटर रीडिंग के आधार पर गलत बिल बनाया गया था। जब मामले की जांच की गई तो पिछले 6 महीनों से उनके बिल वास्तविक रीडिंग के आधार पर जारी नहीं किए गए हैं। इसके बावजूद कई शिकायतों के बाद अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई और उनकी प्रथम व द्वितीय अपील को एसडीओ और एक्सईएन ने किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दिए गए संतुष्टि पत्र के आधार पर बंद कर दिया।
आयोग ने उपरोक्त प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं होकर, आगे की जांच के लिए अपने मुख्य आयुक्त श्री टीसी गुप्ता के समक्ष सुनवाई निर्धारित की गई है। आयोग ने सीए, एसडीओ और एक्सईएन की ओर से की गई कार्रवाई को अपर्याप्त बताया है। जबकि सीए ने शिकायत बंद कर दी और एफजीआरए ने अपीलकर्ता की टिप्पणियों को बिना पढ़े ही अपील का समाधान कर दिया। इससे पता चलता है कि आयोग के अधिनियम का उल्लंघन किया गया था और इस मामले को व्यक्तिगत रूप से सुनने की आवश्यकता थी।
आयोग ने सीए, एसडीओ और एक्सईएन को भविष्य में ऐसी गलती न करने की नसीहत दी और यूएचबीवीएन के अधिकारियों को आदेश दिए कि मीटर रीडर एजेंसी को दिए जाने वाली राशि से 5 हजार रुपए की कटौती की जाए और अपीलकर्ता नारायण सिंह के खाते में बतौर मुआवजा 5 हजार रुपए जमा करवाए जाएं। यदि यह संभव नहीं है, तो इसे कमर्शियल सहायक (सीए) के वेतन से काट दिया जाए और उपभोक्ता नारायण सिंह के बैंक खाते में 5 हजार रुपए बतौर मुआवजा जमा करवाए जाएं।