Chandigarh: पटियाला निवासी संदीप गोयल ने एडवोकेट सन्नी कुमार सिंगला के माध्यम से अनाज घोटाले की हाईकोर्ट को जानकारी दी। याची ने बताया कि 2012 में FCI की फिजिकल वेरिफिकेशन में खुलासा हुआ था कि अनाज के 8 ट्रक जिन्हें कागजों में दिखाया गया था वे असल में मौजूद ही नहीं थे।
फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) के अधिकारियों और प्राइवेट मिलर की मिलीभगत से पनसब को करोड़ों रुपये की चपत के मामले में शिकायत के 12 साल बाद भी जांच पूरी नहीं हुई। इस पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के डीजीपी को दो टूक कहा है कि अगली सुनवाई पर या जो जवाब लेकर आएं या जुर्माने की राशि।
याचिका दाखिल करते हुए पटियाला निवासी संदीप गोयल ने एडवोकेट सन्नी कुमार सिंगला के माध्यम से अनाज घोटाले की हाईकोर्ट को जानकारी दी। याची ने बताया कि 2012 में FCI की फिजिकल वेरिफिकेशन में खुलासा हुआ था कि अनाज के 8 ट्रक जिन्हें कागजों में दिखाया गया था वे असल में मौजूद ही नहीं थे।
बाद में पता चला कि इनके लिए जो प्रमाणपत्र जारी किए गए थे वे भी फर्जी थे। याची ने बताया कि मिलर ने FCI के अधिकारियों के साथ मिलकर यह करोड़ों का घोटाला किया था जिससे पनसब को करोड़ों रुपये का चूना लगा था।
इस मामले में PUNSB ने 2012 में पंजाब के DGP को पत्र लिखते हुए इस मामले में FIR दर्ज करने और जांच का निवेदन किया था। सितंबर 2013 में डीजीपी को वित्तीय नुकसान के बारे में भी जानकारी दी गई थी। इस सब के बावजूद अभी तक इस मामले में जांच पूरी नहीं की जा सकी है। याची ने RTI के माध्यम से पंजाब पुलिस से जांच के बारे में जानकारी मांगी तो बताया गया कि अभी जांच पूरी नहीं हुई है।